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Ambar Ki Ek Paak Surahi / अम्बर की एक पाक सुराही

अम्बर की एक पाक सुराही
बादल का एक जाम उठाकर
घूंट चांदनी पी है हमने
बात कुफ़्र की की है हमने

कैसे इसका क़र्ज़ चुकाये
मांग के अपनी मौत के हाथों
उम्र की सूली सी है हमने
बात कुफ़्र की की है हमने

अपना इस में कुछ भी नहीं है
रोज़-ए-अज़ल से उसकी अमानत
उसको वही तो दी है हमने
बात कुफ़्र की की है हमने
#ShabanaAzmi

Ambar Ki Ek Paak Surahi Lyrics
Ambar ki ek paak suraahi
Baadal ka ek jaam uthhaakar
Ghunt chaandani pi hai hamane
Baat kufr ki ki hai hamane

Kaise isaka krj chukaaye
Maang ke apani maut ke haathon
Umr ki suli si hai hamane
Baat kufr ki ki hai hamane

Apana is men kuchh bhi nahin hai
Roj-e-ajl se usaki amaanat
Usako wahi to di hai hamane
Baat kufr ki ki hai hamane


Additional Information
गीतकार :अमृता प्रीतम, गायक : आशा भोसले, संगीतकार : उस्ताद विलायत खां, गीतसंग्रह/चित्रपट : कादंबरी (१९७५) / Lyricist : Amrita Preetam, Singer : Asha Bhosle, Music Director : Ustad Vilayat Khan, Album/Movie : Kadambari (1975)

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